Karnal, करनाल – भा.कृ.अनु.प.-भारतीय गेहूँ एवं जौ अनुसंधान संस्थान का 5वां स्थापना दिवस मनाया गया

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करनाल . भारतीय गेहूँ एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल का आज 5वां स्थापना दिवस मनाया गया । मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. कुंबले विनोद प्रभु, अध्यक्ष, पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण (भारत सरकार) नई दिल्ली की गरिमामयी उपस्थिति से संस्थान गौरवान्वित हुआ। संस्थान के निदेशक डॉ॰ ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह ने स्थापना दिवस कार्यक्रम में अपने स्वागत भाषण में संस्थान की उपलब्धियों एवं भविष्य की प्राथमिकताओ का जिक्र करते हुये संस्थान द्वारा विकसित 16 गेहूँ एवं 11 जौ की किस्मों का उल्लेख किया । मुख्य अतिथि डॉ. के. वि. प्रभु ने अपने संबोधन में गेहूँ एवं जौ की फसलों का देश की खाद्यान एवं पोषण सुरक्षा की महत्ता को दोहराते हुये बताया कि राष्ट्रीय खाद्यान्न सुरक्षा में इन दोनों फसलो का महत्वपूर्ण योगदान है । यह संस्थान अखिल भारतीय स्तर पर गेहूँ एवं जौ की उत्पादकता बढाने के लिये विगत कई दशकों से राष्ट्र की सेवा में समर्पित है। इस संस्थान का मुख्य उद्देश्य अपने गहन अनुसन्धान कार्यो के द्वारा प्राकृतिक संसाधनों का न्यायसंगत उपयोग करते हुए कम लागत में प्रति इकाई अधिक उत्पादन से किसानो की आमदनी बढाकर राष्ट्र की खाद्यान्न एवं पोषण सुरक्षा को मजबूत करना है। आज के परिपेक्ष्य में कृषि से जुड़ी चुनौतियों में मृदा स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन एवं फसल विविधीकरण का विशेष उल्लेख किया तथा किसानों की आय को 2022 तक दोगुना करने के प्रधानमंत्री द्वारा निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कृषि वैज्ञानिकों को और बढ़-चढ़कर अनुसन्धान करने तथा विस्तार कार्यक्रमों को सुदृढ़ करने पर बल दिया। तथा विशेष महत्व फसल अवषेश प्रबंधन के लिए किया। डॉ. प्रभु ने अपने संबोधन में बताया कि भारतीय गेहूँ एवं जौ अनुसंधान संस्थान तथा अखिल भारतीय समन्वित कार्यक्रम का देश में गेंहू एवं जौ के उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाने तथा राष्ट्रीय गेंहू भण्डार को 99.7 मिलियन टन तक पहुचाने मे विशेष योगदान रहा है । संस्थान के प्रयासो के फलस्वरूप गेंहू की 125 से अधिक एवं जौ की 15 किस्मों का पंजीकरण, पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण (भारत सरकार) नई दिल्ली में किए जाने पर संस्थान के निदेशक डॉ. ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह की प्रशंसा की । इस अवसर पर डॉ. प्रभु ने किसानो द्वारा संरक्षित किस्मों को प्राधिकरण में पंजीकृत करने तथा कृषक अधिकार कानून के लाभ के प्रति किसानो को जागरूक रहने का आग्रह किया । इस अवसर पर गेंहू प्रोद्योगिकी एवं बीज उत्पादन विषय पर प्रक्षेत्र दिवस का भी आयोजन किया गया जिसमे पंजाब हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश के किसानो ने भाग लिया । डॉ. राज कुमार, डॉ. सत्यवीर सिंह, डॉ. अनिल खिप्पल, डॉ. सीएन मिश्रा ने किसानो को संबोधित करते हुये गेंहू उत्पादन एवं बीज की बारीकियों से अवगत कराया तथा बीज उत्पादन खेतो का भृमण कराया. इस अवसर पर डॉ. अमित शर्मा को उत्कृष्ट वैज्ञानिक के पुरुस्कार से सम्मानित किया गया । सुरेश कुमार (तकनीकी वर्ग), रूपराम (प्रशासनिक वर्ग) तथा संतराम (कुशल सहायक वर्ग) को भी इस अवसर पर पुरूस्कृत किया गया। इस कार्यक्रम के आयोजन मे डॉ. अनुज कुमार, डॉ. संजय सिंह, राजेन्द्र शर्मा एवं पूनम जसरोटिया का मुख्य योगदान रहा । डॉ. रविश चतरथ, मुख्य अन्वेषक, फसल सुधार विभाग द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।