फोर्ब्स की सबसे मूल्यवान क्लबों की सूची में युनाइटेड सबसे ऊपर

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न्यूयॉर्क – अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पत्रिका फोर्ब्स ने सबसे मूल्यवान फुटबाल क्लबों की एक सूची तैयार की है, जिसमें स्पेनिश फुटबाल क्लब रियल मेड्रिड को पछाड़ते हुए इंग्लिश प्रीमियर क्लब मैनचेस्टर युनाइटेड ने पहला स्थान हासिल किया है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, युनाइटेड की कीमत कुल 3.69 अरब डॉलर (2.86 अरब पाउंड) है और क्लब ने पत्रिका की वार्षिक सूची में पांच साल में पहली बार शीर्ष स्थान हासिल किया है।

इस सूची में स्पेन का क्लब बार्सिलोना दूसरे स्थान पर है। इस क्लब की कीमत 3.64 अरब डॉलर (2.82 अरब पाउंड) है, वहीं तीसरा स्थान पाने वाले रियल क्लब की कीमत 3.58 अरब डॉलर (2.77 अरब पाउंड) है। इंग्लिश प्रीमियर लीग के छह क्लब फोर्ब्स की इस सूची में शीर्ष 10 में शामिल हैं। इसमें जर्मनी का क्लब बायर्न म्यूनिख चौथे और इटली का क्लब जुवेंतस नौवें स्थान पर है। फोर्ब्स के सहायक प्रबंध संपादक माइक ओजानियन ने कहा, “शीर्ष पर यूनाइटेड की वापसी उसके शक्तिशाली ब्रांड और विपणन कौशल को दर्शाता है।

आपको बता दें कि प्रतिष्ठित फोर्ब्स पत्रिका की 2017 की ‘सुपर अचीवर्स’ की सूची में भारतीय मूल के 30 नवोन्मेषक और उद्यमियों ने स्थान बनाया है। ये वे लोग हैं जिनकी उम्र 30 वर्ष से कम है और विश्व एवं यथास्थिति को बदलने में यकीन रखते हैं। इस सूची में स्वास्थ्य, विनिर्माण, खेल और वित्त जैसे 20 उद्योग क्षेत्रों के 30 दुनिया बदलने वाले लोग शामिल हैं। इस सूची में भारतीय मूल के 30 पुरुष और महिलाएं शामिल हैं जिन्होंने अपने क्षेत्र में विशिष्ट पहचान कायम की है। सूची में कुल 600 ऐसे लोगों को शामिल किया गया है जिन्होंने ‘पारंपरिक सोच को चुनौती दी और उद्यमियों, मनोरंजकों और शिक्षाविदों की नयी पीढ़ी के नियमों को फिर से लिखा है। इनमें कुछ कर गुजरने का जुनून है और इन्हें अच्छे कारणों के लिए तैयार किया जा सकता है। इनका लक्ष्य और कुछ नहीं बस यथास्थिति को तोड़ना और दुनिया को बदलना है।’

इस सूची में नियो लाइट के सह-संस्थापक 27 वर्षीय विवेक कोप्पार्थी का नाम शामिल है जिन्होंने पीलिया रोग में घर पर इस्तेमाल करने में सक्षम एक छोटा प्रकाश-चिकित्सा उपकरण विकसित किया है। इसके अलावा कंपनी शिशुओं में लू के इलाज के लिए एक और उपकरण बनाने पर काम कर रही है। इसी सूची में 27 वर्षीय प्रार्थना देसाई का भी नाम है जिन्होंने हावर्ड विश्वविद्यालय में अपनी पढ़ाई को बीच में इसलिए छोड़ दिया क्योंकि वह विकासशील देशों में ड्रोन की मदद से लोगों का इलाज करने के लिए एक कार्यक्रम चलाना चाहती थीं। स्वास्थ्य क्षेत्र की कंपनी जिप्लिन में उन्होंने रवांडा देश में ड्रोन के माध्यम से दवाएं सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाई है।