दुनिया के 15 प्रदूषित शहरों में 14 शहर भारत के

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दिल्ली  – (एजेंसी)  विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 15 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची जारी की है l  हैरान करने वाली बात यह है कि इन 15 सबसे प्रदूषित शहरों में भारत के 14 शहर शामिल हैं l मंगलवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जेनेवा में दुनिया के 15 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची जारी की गई l  इनमें जिनमें कानपुर पहले पायदान पर है l  वहीं सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में दिल्ली छठे स्थान पर है l

डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट बताती है कि वायु प्रदूषण के मामले में भारत के 14 शहरों की स्थिति बेहद खराब है l  इस सूची में उत्तर प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा शहर कानपुर पहले स्थान पर है l  कानपुर के बाद फरीदाबाद, वाराणसी, गया, पटना, दिल्ली, लखनऊ, आगरा, मुजफ्फरपुर, श्रीनगर, गुड़गांव, जयपुर, पटियाला और जोधपुर शामिल हैं l  पंद्रवें स्थान पर कुवैत का अली सुबह अल- सलेम शहर है l  उल्लेखनीय हैं कि वायु प्रदूषण के मामले में दिल्ली 2015 की रिपोर्ट में चौथे स्थान पर थी, जो अब खिसक कर छठवें स्थान पर पहुंच गई है l

डब्ल्यूएचओ के आंकड़े बताते हैं कि 2010-2014 के बीच में दिल्ली के प्रदूषण स्तर में मामूली सुधार हुआ है, लेकिन 2015 से स्थिति फिर बिगड़ने लगी है l  वायु प्रदूषण को लेकर डब्ल्यूएचओ 100 देशों के 4,000 शहरों का अध्ययन किया है l  यह अध्ययन बताता है कि दिल्ली में 2010 और 2014 के बीच हवा की स्थिति में मामूली सुधार आया, लेकिन 2015 से हालात फिर बिगड़ने लगे l

 प्रदूषण के मामले में उत्तर भारतीय शहरों की स्थिति बेहद खराब बताई जा रही है l बेंगलुरू, हैदराबाद और कोच्चि जैसे शहर आबादी के लिहाज से बड़े हैं लेकिन बेहतर अरबन प्लानिंग और ट्रांसपोर्टेशन की वजह से इन शहरों को प्रदूषण की समस्या से जूझना नहीं पड़ रहा है l   हालांकि कई लोगों को मानना है कि इन शहरों की बदहाली के पीछे जनसंख्या घनत्व अहम कारक हैं लेकिन दुनिया के कई ऐसे शहर हैं जोे उच्च जनघनत्व के बावजूद प्रदूषण की समस्या से कोसों दूर हैं l  सिंगापुर दुनिया का आठवां सबसे अधिक जनघनत्व वाला शहर है l  जिसका जनसंख्या घनत्व 10,282 प्रति वर्ग किलोमीटर है l अपने बेहतरीन मैनेजमेंट की बदौलत यह दुनिया का पसंदीदा ‘टूरिस्ट स्पॉट’ है l

भारत को सबसे ज्यादा आउटडोर प्रदूषण की समस्या से जूझना पड़ रहा है l प्रदूषण की समस्या से निजात पाने के लिए स्थानीय, राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर नीतियों में तब्दीली लाने की जरूरत है l  इस समस्या के समाधान के लिए ट्रांसपोर्ट, ऊर्जा, कूड़ा – प्रबंधन, अरबन प्लानिंग और कृषि सेक्टर में काम कर रहे विशेषज्ञों को एक मंच में लाने की जरूरत है l  दुनियाभर में इस तरह के कई सफल उदाहरण हैं, जहां ट्रांसपोर्ट, अरबन प्लानिंग, पावर जेनरेशन और इंडस्ट्री की अच्छी नीति बनाकर प्रदूषण कम किया जा सकता है l