जींद – जींद में युवा हुंकार रैली को संबोधित करते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने ने कांग्रेस की पिछली सरकारों पर हमला बोला l इससे पहले अमित शाह हजारों बाइकों के काफिले के साथ रैली स्थल पर पहुंचे। अमित शाह पहले हेलीकाॅप्टर से सभा स्थल से दूर बनाए गए हैलीपैड पर पहुंचे। वहां उनका स्वागत मुख्यमंत्री मनोहरलाल और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला ने किया।
उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भी निशाने पर लेते हुए हरियाणा में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस सरकार के दौर की याद दिलाई l युवा हुंकार रैली में अमित शाह के निशाने पर कांग्रेस रही और एक बार फिर से हरियाणा की खट्टर सरकार से लेकर केंद्र की मोदी सरकार के काम-काज की तुलना कांग्रेस की पहले की सरकार से कर शाह ने अभी से ही माहौल बनाना शुरू कर दिया है l अमित शाह ने भाजपा के मिशन 2019 की चर्चा करते हुए इसके लिए कार्यकताअों को तैयार होने को कहा। उन्होंने कहा, ‘ हरियाणा की जनता को कहने आया हूं कि जिस तरह 2014 में नरेंद्र मोदी और फिर मनोहर लाल को अपना समर्थन दिया उसे 2019 में भी दें। भाजपा की सरकार ने 12 लाख करोड़ रुपये के घोटाले–घपलों पर रोक लगाई। हरियाणा में तो पहले भ्रष्टाचार पर भ्रष्टाचार होते थे। भाजपा सरकार ने इसे रोक दिया। अब चार साल बाद भी विरोधी हमारे ऊपर आरोप लगाने की स्थिति में नहीं है।
अमित शाह ने जींद की रैली में कहा कि ‘खट्टर सरकार ऐसी है जिसकी कोई जाति नहीं है l हम सबका साथ, सबका विकास के मंत्र में विश्वास रखते हैं.’ उनके इस बयान का मतलब और मकसद दोनों साफ था l अमित शाह हरियाणा में गैर जाट जातियों के बड़े वोट बैंक को यह संदेश देना चाह रहे थे कि उनकी पार्टी ने उनका ख्याल रखा है l यानी अबतक कांग्रेस और आईएनएलडी जाट राजनीति को ही केंद्र में रखकर अपनी रणनीति बनाती है वहीं बीजेपी बाकी तबके का हमदर्द बनना चाह रही है l
हरियाणा के किसानों को लुभाने के लिए अमित शाह ने इस बार के बजट में किसानों के लिए की गई घोषणाओं का जिक्र किया l किसानों के लागत मूल्य का डेढ़ गुना एमएसपी देने और दस करोड़ गरीब परिवारों को पांच लाख तक मेडिकल बीमा देने के प्रावधान को प्रमुखता से उठाया l हालांकि अमित शाह की रैली का विरोध करने के लिए कांग्रेस ने भी तैयारी कर ली थी. लेकिन, शाह को काले झंडे दिखाने जा रहे हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर को पुलिस ने पहले ही हिरासत में ले लिया l
अमित शाह की रैली से पहले जाटों की तरफ से भी ट्रैक्टर से घेराव करने की धमकी दी गई थी, लेकिन, जाट नेताओं के साथ बैठक के बाद जाटों ने विरोध करने का अपना फैसला वापस ले लिया था l सरकार की तरफ से जाटों के उपर आंदोलन के दौरान लगाए गए कई केस वापस भी लेने का फैसला किया गया है l