चंडीगढ़ – पांडु-पिंडारा, जननायक जनता पार्टी और दुष्यंत चौटाला

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तरुण जैन/ चंडीगढ़ – प्रदेश की राजनीति का केंद्र रहा जींद भले की विकास की दौड़ में पिछड़ता हुआ नजर आ रहा है लेकिन शायद ही कोई दौर रहा हो जब जींद के पांडु-पिंडारा की धरती का प्रयोग राजनैतिक हितो की पूर्ति के लिए न किया गया हो। किसानो और हरियाणवी के नाम पर राजनीति करने वाली इनेलो हो या प्रदेश के विकास का दम्भ भरने वाली कांग्रेस दोनों दलों ने पांडु-पिंडारा की धरती का भरपूर प्रयोग किया। भाजपा भी इस दौड़ में पीछे नहीं रही और 2014 के चुनाव से पूर्व यहां पर रैली करके प्रदेश की राजनीति को अपने पक्ष में करने का काम किया। इसी कड़ी में देवीलाल परिवार के पड़पोते दुष्यंत चौटाला ने भी अपनी अलग पार्टी की घोषणा करने के लिए पांडु-पिंडारा की पावन धरती को चुना। जींद ने ऐतिहासिक पांडु-पिंडारा गांव के मैदान में रैली कर इनेलो से निष्कासित हिसार सांसद दुष्यंत चौटाला ने अपनी पार्टी जननायक जनता पार्टी की घोषणा कर दी। रैली के दौरान पार्टी की घोषणा करते हुए हिसार सांसद ने जहां एक ओर देवीलाल और ओमप्रकाश चौटाला की छवि का प्रयोग किया वहीं दूसरी ओर अभय चौटाला का नाम लिए बिना इनेलो के साथ साथ कांग्रेस-भाजपा पर भी निशाना लगाया।

पांडु- पिंडारा और राजनीति: इतिहास गवाह है कि पूर्व डिप्टी पीएम देवीलाल ने मार्च 1986 में हरियाणा के हितों को लेकर यही से केंद्र और प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ ‘न्याय युद्ध’ रैली की थी, जिसे लाखो लोगों ने अपना समर्थन दिया था। रैली का ही चमत्कार था कि ताऊ देवीलाल ने वर्ष 1987 में 90 में से 85 सीटे जीतकर लोकदल-भाजपा गठबंधन की सरकार बनाई। पूर्व सीएम बंसी लाल ने इसी स्थान पर ही अपनी पार्टी ‘हरियाणा विकास पार्टी’ को शुरू करते हुए भाजपा के साथ वर्ष 1996 में सरकार बनाई। लगभग 6 वर्ष ही बीते थे कि पूर्व सीएम भूपिंद्र सिंह हुड्डा ने कंडेला कांड को लेकर यही से ही वर्ष 2002 में किसान पद यात्रा की शुरुआत की थी, जिसके परिणाम स्वरुप वर्ष 2005 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें सीएम का पद मिला। भाजपा की बात करे तो इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी चुनाव पूर्व यही पर रैली की थी और बाद में भाजपा ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। कुल मिलाकर कहा जाये तो अन्य दलों की तुलना में भले ही भाजपा को अधिक फ़ायदा हुआ हो लेकिन राजनीति की दुनिया में जींद के पांडु-पिंडारा का नाम विशेष स्थान रखता है।

केजरीवाल की तर्ज़ पर शिक्षा और स्वास्थ्य पर दिया जोर: रैली में विपक्षियों पर वार करने के साथ साथ दुष्यंत चौटाला ने पार्टी की नीतियों के बारे में भी बोला। दूसरे दलों के नेताओ की तरह उनके वादे भी जनता सब्ज़ बाग़ दिखाने जैसे लगे। हिसार सांसद दुष्यंत चौटाला ने कहा कि उनकी सरकार आने पर एचटेट को खत्म करेंगे और जेबीटी के बाद सीधी नौकरी का प्रावधान करेंगे। लेकिन इस रोजगार में 75 फीसदी हरियाणा के युवाओं को तरजीह मिलेंगे। किसानो के क़र्ज़ के लेकर उन्होंने वादा किया कि सहकारी समिति के किसानो का कर्ज़ा माफ़ करेंगे और उनकी फसल को एमएसपी से 10 फीसदी अधिक पर अथवा 100 रूपये का बोनस देकर ख़रीदा जायेगा। स्कूलों के स्तर का बढ़ाएंगे और निजी स्कूलों कि बढ़ती फीस को नियंत्रित करेंगे। कर्मचारियों के लिए पेंशन स्किम तो लागू की ही जाएगी, साथ में महिला बुजुर्गो को 55 और पुरुष बुजुर्गो को 58 की उम्र में ही पेंशन का लाभ दिया जायेगा। व्यापारी आयोग का गठन किया जायेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ‘आप’ की तर्ज़ पर दुष्यंत चौटाला ने जाट आरक्षण, क्षेत्रवाद की बजाय शिक्षा और स्वास्थ्य के मुद्दे को लेकर अधिक बात की।

मान सम्मान की बात: रैली के दौरान देखने में आया कि पूरी रैली सिर्फ दुष्यंत के इर्द गिर्द होकर रह गई। इनेलो और अन्य विपक्षी पार्टियों का साथ छोड़ दुष्यंत के पीछे चलने वाले नेताओ को पूरा मान सामान नहीं मिल पाया। पूर्व विधायक हो या वर्तमान विधायक किसी को भी मंच से अपनी बात कहने का पर्याप्त अवसर नहीं मिल पाया। ऐसे में चर्चाएं इस बात की भी है कि कहीं यह कार्यकर्ताओ की नाराज़गी की वजह न बन जाये। पूर्व में हरी चुनरी चौपाल करने वाली अजय चौटाला की पत्नी, दुष्यंत-दिग्विजय की माता नैना चौटाला पहली बार रैली के मंच पर नजर आई। उन्होंने कार्यकर्ताओ को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस पार्टी को वानर सेना की तरह काम करना होगा और दुष्यंत को सीएम बनाना है। रैली के दौरान इनसो अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला, डा. के.सी. बांगड़, बबीता फौगाट, अनंतराम, फूलवती, जयभगवान शर्मा डीडी, सतबीर कादियान, राजू मेहरा, कृपाराम पूनिया, बृज शर्मा, डा. अशोक शेरवाल और डा. दिनेश मौजूद रहे।

जनता और भीड़: जींद के पांडु-पिंडारा गांव के मैदान में जननायक जनता पार्टी की रैली में लाखो की भीड़ की दावा किया गया। इसके लिए बाकायदा कुश्ती गुरु और महावीर फोगाट और बबिता फोगाट को बुलाया गया था ताकि उन्हें देखने के लिए भीड़ जुट सके। लेकिन स्थानीय लोगो के अनुसार मैदान की क्षमता 50 हज़ार लोगो की थी। ऐसे में कहा जा सकता है कि कुल मिलाकर 50 से 60 हज़ार तक की भीड़ रही। भीड़ में अधिक संख्या युवाओं की थी। महिलाओं की बात करें तो उनके बैठने के लिए मंच के सामने ही जो स्थान सुनिश्चित किया गया था, वह भी पूरा नहीं भर पाया। ऐसे में भीड़ दिखाने के लिए प्रथम पंक्ति में महिलाओ के ब्लॉक में पुरुषो के बैठने की व्यवस्था की।

दुष्यंत के लिए राह नहीं आसान: इनेलो से निष्कासित अजय चौटाला ने 17 नवंबर को जींद में ऐलान किया था कि अब नई पार्टी की घोषणा होगी। उन्होंने कहा था कि इनेलो के ही वरिष्ठ नेता उनके भाई अभय चौटाला को छोड़ उनके बेटे दुष्यंत चौटाला के साथ 9 दिसम्बर की रैली में भाग लेंगे और दुष्यंत को ही अपना समर्थन देंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और पार्टी जो अजय चौटाला के कार्यक्रम में आये थे, पार्टी की घोषणा को लेकर जींद रैली में भी वही कार्यकर्ता आये। जिससे दुष्यंत चौटाला की मुश्किल बढ़ी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उन्होंने दूसरे दलों में भी सेंध लगाने की कोशिश शुरू कर दी है। लेकिन देखने वाली बात यह होगी कि पार्टी की घोषणा के बाद अब उनका अगला कदम क्या होगा क्यूंकि प्रदेश का इतिहास रहा है कि जब भी नई पार्टी बनी है बिना गठबंधन के उसे सफलता नहीं मिली है। ऐसे में गठबंधन को लेकर ‘जननायक जनता पार्टी’ , आम आदमी पार्टी या फिर लोकतंत्र सुरक्षा मंच के अलावा और क्या सम्भावनायें तलाश रही है।